नया साल सिर्फ कैलेंडर बदलने का नाम नहीं, बल्कि बड़े संकल्पों और भविष्य की ओर एक नई छलांग लगाने का अवसर होता है। इसी भावना के साथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2026 की शुरुआत में प्रदेश के लिए एक साधारण संकल्प नहीं, बल्कि एक बड़ी तकनीकी छलांग का ऐलान किया है। अपने विशेष पत्र ‘योगी की पाती’ के माध्यम से उन्होंने एक ऐसे रोडमैप की घोषणा की है, जो उत्तर प्रदेश को आने वाले समय में टेक्नोलॉजी और नवाचार का एक वैश्विक केंद्र बनाने का लक्ष्य रखता है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर विशेष ध्यान दिया गया है।
1. क्या है योगी सरकार का नए साल का संकल्प?
मुख्यमंत्री योगी का विजन उत्तर प्रदेश को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाना है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि प्रदेश को तकनीक और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने का संकल्प लिया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, आगामी वर्ष में सरकार का पूरा फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सेमीकंडक्टर और डेटा सेंटर जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों पर रहेगा।
मुख्यमंत्री ने इस जानकारी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर भी साझा किया। उन्होंने लिखा, “यह आंग्ल वर्ष 2026 में प्रवेश का समय है। 2025 का वर्ष टेक्नोलॉजी, एआई व डाटा में नवाचार के नए मापदंड स्थापित करने के लिए स्मरण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश भविष्योन्मुखी विकास के नए मानक गढ़ रहा है। आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि प्रदेश के डिजिटल भविष्य को दिशा देने और निवेश का केंद्र बनाने में सरकार को आशातीत सफलता मिल रही है।” पंजाब केसरी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की ये योजनाएं प्रदेश के डिजिटल भविष्य को एक नई दिशा देंगी।
2. यूपी के भविष्य के दो नए सितारे: AI सिटी
इस बड़े ऐलान की सबसे खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों, लखनऊ और नोएडा, को ‘AI सिटी’ के रूप में विकसित किया जाएगा। अब सवाल उठता है कि एक आम नागरिक के लिए एआई सिटी का क्या मतलब है? तो सोचिए, एक ऐसा शहर जहां ट्रैफिक लाइटें खुद ट्रैफिक के दबाव को देखकर बदलें, जहां सरकारी दफ्तरों के काम बिना लाइनों में लगे ऐप से हो जाएं, और जहां बिजली-पानी की सप्लाई स्मार्ट ग्रिड से कंट्रोल हो ताकि बर्बादी रुके। यह सिर्फ जीवन को आसान बनाना नहीं है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के लाखों नए अवसर भी पैदा करेगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश को वैश्विक आईटी मैप पर सबसे आगे स्थापित करना है।
3. सिर्फ AI ही नहीं, टेक्नोलॉजी में UP की लंबी छलांग
सरकार की योजना सिर्फ एआई सिटी बनाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रदेश में एक व्यापक तकनीकी क्रांति लाने का हिस्सा है। इस दिशा में कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से चल रहा है:
- जेवर में सेमीकंडक्टर यूनिट: जेवर में ₹3,700 करोड़ की भारी लागत से एक सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यह प्रोजेक्ट राज्य के औद्योगिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकता है।
- डेटा सेंटर का हब बनता यूपी: प्रदेश की ‘सुरक्षित डाटा सेंटर’ नीति बेहद सफल रही है। सरकार ने इस क्षेत्र में ₹30,000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है और अब तक 5 हाइपरस्केल डेटा सेंटर पार्क ने अपना व्यावसायिक संचालन भी शुरू कर दिया है।
- छोटे शहरों में भी टेक्नोलॉजी की लहर: टेक्नोलॉजी का लाभ सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। प्रदेश के 9 अन्य शहरों में ‘सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क’ स्थापित किए गए हैं, ताकि स्थानीय युवाओं को अपने ही शहर में रोजगार मिल सके।
- एआई प्रज्ञा: 10 लाख नागरिकों को प्रशिक्षण: ज्ञान और कौशल के बिना कोई भी तकनीकी क्रांति अधूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ‘एआई प्रज्ञा’ पहल के माध्यम से 10 लाख नागरिकों को एआई में प्रशिक्षण दे रही है। इससे प्रदेश में हजारों नई नौकरियां सृजित हो रही हैं।
- अन्य क्षेत्रों में प्रगति: इन बड़े प्रोजेक्ट्स के अलावा, उत्तर प्रदेश ड्रोन, रोबोटिक्स और मोबाइल उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भी नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
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प्रदेश के प्रमुख तकनीकी प्रोजेक्ट्स एक नजर में:
| प्रोजेक्ट (Project) | मुख्य जानकारी (Key Information) |
| एआई सिटी (AI City) | लखनऊ और नोएडा में विकसित की जाएगी। |
| सेमीकंडक्टर यूनिट | जेवर में ₹3,700 करोड़ की लागत से निर्माण। |
| डेटा सेंटर | ₹30,000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य, 5 पार्क शुरू। |
| सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क | प्रदेश के 9 शहरों में स्थापित किए गए। |
| एआई प्रज्ञा (AI Pragya) | 10 लाख नागरिकों को एआई में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। |
4. क्यों बढ़ा निवेशकों का भरोसा ‘ब्रांड यूपी’ पर?
किसी भी प्रदेश में निवेश के लिए सबसे जरूरी चीज है एक सुरक्षित माहौल। मुख्यमंत्री योगी ने अपने पत्र में इसी बात पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि “निवेश तभी सुरक्षित रह सकता है, जब समाज और राज्य सुरक्षित हों।” प्रदेश में सुशासन ने विश्वभर में ‘ब्रांड यूपी’ को सशक्त किया है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश अब निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद राज्य बन गया है। जेवर में बन रही सेमीकंडक्टर यूनिट और हाइपरस्केल डेटा सेंटर्स में हो रहा हज़ारों करोड़ का निवेश सिर्फ़ आंकड़े नहीं, बल्कि ‘ब्रांड यूपी’ पर बढ़ते इसी भरोसे का जीता-जागता सबूत हैं।
खासकर, डेटा सेंटर नीति का ‘स्वदेशी सेंटर, सुरक्षित डाटा’ का नारा बेहद सफल रहा है, जिसने निवेशकों को प्रदेश में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

5. युवाओं के लिए CM योगी की खास अपील: बनें ‘ज्ञानदानी’
मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के विकास में युवाओं की भागीदारी को सबसे अहम माना है। उन्होंने वर्ष 2026 के लिए युवाओं से एक विशेष अपील की है। उन्होंने युवाओं से एक संकल्प लेने का आग्रह किया है: “आप अपने आसपास 5 बच्चों को कंप्यूटर और एआई के विषय में जागरूक करें।”
इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं से हर सप्ताह कम से कम एक घंटा ‘ज्ञानदान’ (ज्ञान का दान) के लिए निकालने का अनुरोध किया है। यह अपील और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब हम इसे सरकार की ‘एआई प्रज्ञा’ पहल के साथ जोड़कर देखते हैं, जिसके तहत पहले ही 10 लाख नागरिकों को एआई में प्रशिक्षित किया जा रहा है। सरकार ज्ञान दे रही है, और अब युवाओं से उस ज्ञान को आगे बढ़ाने का आग्रह कर रही है। उनका मानना है कि सरकार और युवाओं के संयुक्त प्रयास से न केवल ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का सपना पूरा होगा, बल्कि यह यूपी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह नया रोडमैप सिर्फ कुछ योजनाओं का ऐलान नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य के लिए एक बड़ी और सोची-समझी छलांग है। लखनऊ और नोएडा को एआई सिटी बनाना, सेमीकंडक्टर और डेटा सेंटर में भारी निवेश, और लाखों युवाओं को एआई में प्रशिक्षित करना, ये सभी कदम एक ही दिशा में जाते हैं – उत्तर प्रदेश को टेक्नोलॉजी का पावरहाउस बनाना। यह पहल सिर्फ शहर और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी कुशल और भविष्य के लिए तैयार पीढ़ी बनाने के बारे में है जो आने वाले दशकों तक उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को शक्ति देगी। जब सरकार की नीतियां और युवाओं की ऊर्जा एक साथ मिलती है, तो एक उज्ज्वल और तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य का निर्माण निश्चित है।
प्रश्न 1: एआई सिटी क्या होती है?
उत्तर: एआई सिटी एक ऐसा स्मार्ट शहर है जहां ट्रैफिक, ऊर्जा, प्रशासनिक सेवाएं और सुरक्षा जैसे काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा तकनीक द्वारा संचालित होते हैं।
प्रश्न 2: यूपी में एआई सिटी कहाँ बनेंगी?
उत्तर: लखनऊ और नोएडा को एआई सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रश्न 3: सेमीकंडक्टर यूनिट कहाँ बन रही है?
उत्तर: जेवर में ₹3,700 करोड़ की लागत से एक सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण किया जा रहा है।
प्रश्न 4: ‘एआई प्रज्ञा’ योजना क्या है?
उत्तर: यह एक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसके तहत 10 लाख नागरिकों को एआई और तकनीकी कौशल सिखाए जा रहे हैं।

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