यूट्यूब की वो सोने की खान जो हमें दिखती नहीं
हम सभी दिन में कई घंटे यूट्यूब पर बिताते हैं, कभी मनोरंजन के लिए तो कभी कुछ नया सीखने के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके देखे जाने वाले वीडियो के पीछे एक बहुत बड़ा खेल चल रहा है, जो यूट्यूब के भविष्य और आपके ध्यान, दोनों के लिए एक खतरा बन सकता है? कुछ यूट्यूब चैनल AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके सालाना ₹980 करोड़ तक कमा रहे हैं और इन चैनलों ने मिलकर 22 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स भी जोड़ लिए हैं।
यह कमाई एक नए और तेजी से बढ़ते ट्रेंड से हो रही है जिसे ‘AI स्लॉप’ कहा जाता है। यह ‘AI स्लॉप’ आखिर है क्या, और क्या यह आपके लिए एक खतरा है? चलिए जानते हैं।
1. तो आखिर क्या बला है ये ‘AI स्लॉप’?
सरल शब्दों में, ‘AI स्लॉप’ ऐसी ऑटोमेटेड और AI द्वारा बनाई गई वीडियो होती हैं, जिनकी क्वालिटी बहुत खराब होती है। इन वीडियो को बनाने के पीछे कोई रचनात्मकता या मेहनत नहीं होती। इनकी कुछ मुख्य विशेषताएं हैं:
- कम गुणवत्ता (Poor quality): इनमें कोई खास मेहनत नहीं होती।
- कोई ठोस जानकारी नहीं (No solid information): इनमें ज्ञान या रचनात्मकता नहीं होती।
- लत लगाने वाले (Addictive): इन्हें इस तरह बनाया जाता है कि इन्हें बार-बार देखने का मन करता है।
इस तरह के कंटेंट का एकमात्र लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा व्यूज पाना और विज्ञापनों से पैसा कमाना होता है। यह कंटेंट सिर्फ यूजर को खुश करने और पैसे कमाने के उद्देश्य से बनाया जाता है।
2. चौंकाने वाले आँकड़े: कितना बड़ा है ये खेल?
इस ट्रेंड का आकार इतना बड़ा है कि यह आपको हैरान कर देगा। कैपविंग की स्टडी के आँकड़े एक ऐसी तस्वीर पेश करते हैं जिस पर यकीन करना मुश्किल है:
| Metric (मापदंड) | Figure (आंकड़ा) |
| कुल सब्सक्राइबर्स (Total Subscribers) | 22 करोड़ से ज्यादा |
| कुल व्यूज (Total Views) | 63 अरब से ज्यादा |
| टॉप चैनलों में संख्या (Number in Top Channels) | 278 चैनल |
| यूट्यूब पर मौजूदगी (Presence on YouTube) | हर 5 में से 1 वीडियो |
यह सभी जानकारी कैलिफ़ोर्निया की वीडियो एडिटिंग कंपनी कैपविंग की एक स्टडी से सामने आई है, जिसने लगभग 15,000 चैनलों का अध्ययन किया। यह ट्रेंड सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पाकिस्तान जैसे देशों में भी तेजी से फैल रहा है, जहाँ AI स्लॉप पर निर्भर कुछ चैनलों ने 1.3 अरब से ज्यादा व्यूज हासिल किए हैं।
3. भारत से कनेक्शन: ‘बंदर अपना दोस्त’ की कहानी
इस रिपोर्ट में एक भारतीय यूट्यूब चैनल का भी जिक्र है, जिसका नाम है ‘बंदर अपना दोस्त’। इस चैनल ने इस स्टडी में भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले चैनल का स्थान हासिल किया है।

- इस चैनल ने 2.4 अरब से अधिक व्यूज जमा किए हैं।
- चैनल की सालाना कमाई का अनुमान ₹35 करोड़ तक लगाया गया है।
सोचिए, सिर्फ बंदरों के वीडियो दिखाकर 35 करोड़ रुपये सालाना? यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यही AI स्लॉप की ताकत है। यह कमाई कैसे होती है? कम लागत में बड़ी संख्या में वीडियो तैयार कर ये चैनल विज्ञापन से भारी कमाई कर रहे हैं।
4. अगर ये नियमों के खिलाफ है, तो कमाई कैसे हो रही है?
दिलचस्प बात यह है कि यूट्यूब की मौजूदा पॉलिसी के अनुसार, ‘AI स्लॉप’ वीडियो को मॉनिटाइज नहीं किया जाना चाहिए। यानी इन पर विज्ञापन दिखाकर कमाई नहीं की जा सकती।
लेकिन कैपविंग की रिपोर्ट बताती है कि ये चैनल नियमों से बचने के लिए “अलग-अलग तरीके” अपनाते हैं और फिर भी मोटी कमाई करने में सफल हो जाते हैं। यही वह सबसे बड़ी चिंता का विषय है—कि यूट्यूब का सिस्टम इतनी बड़ी खामी को पकड़ नहीं पा रहा, जिसके चलते 980 करोड़ रुपये जैसा विशाल राजस्व गलत हाथों में जा रहा है।
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5. AI स्लॉप के छिपे हुए खतरे: आपको सावधान क्यों रहना चाहिए?
डिजिटल मीडिया एनालिस्ट होने के नाते, मैं यह कह सकता हूँ कि यह कंटेंट सिर्फ एक खतरा नहीं, बल्कि हमारे ऑनलाइन इन्फॉर्मेशन इकोसिस्टम के लिए एक कैंसर है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:
- गलत जानकारी फैलती है (Spreads Misinformation): चूँकि इन वीडियो में कोई ठोस जानकारी या तथ्य नहीं होते, इनसे समाज में गलत और भ्रामक सूचनाएं आसानी से फैल सकती हैं।
- अच्छे कंटेंट को नुकसान (Harms Quality Content): जब यूट्यूब पर इतनी बड़ी संख्या में खराब क्वालिटी के वीडियो भर जाएंगे, तो यूट्यूब का एल्गोरिथ्म भी धोखा खा सकता है। नतीजतन, असली क्रिएटर्स द्वारा घंटों की मेहनत से बनाए गए अच्छे और जानकारीपूर्ण कंटेंट का दर्शकों तक पहुँचना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि वह इस AI कचरे के ढेर में कहीं दब जाता है।
- दर्शकों की समझ पर असर (Affects Viewer Understanding): यह कंटेंट दर्शकों की समझ को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहा है। लगातार ऐसा अर्थहीन कंटेंट देखने से दर्शकों में एक तरह की ‘व्यूअर फटीग’ (viewer fatigue) आ सकती है, और उनकी रुचि गहरे और ज्ञानवर्धक कंटेंट से कम हो सकती है। यह लोगों के सोचने के तरीके और उनकी धारणाओं पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
निष्कर्ष: एक स्मार्ट दर्शक बनें
संक्षेप में, ‘AI स्लॉप’ एक ऐसा ट्रेंड है जहाँ बिना किसी मेहनत के AI से वीडियो बनाकर यूट्यूब पर करोड़ों की कमाई की जा रही है, और ‘बंदर अपना दोस्त’ जैसे चैनल इसका बड़ा उदाहरण हैं। मुझे लगता है कि यह ट्रेंड सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि हमारे डिजिटल कंसम्पशन के लिए एक चेतावनी है।
अगली बार जब आप यूट्यूब पर कोई वीडियो देखें, तो थोड़ा सावधान रहें। एक स्मार्ट दर्शक के तौर पर, आपका हर व्यू एक वोट है। तय आपको करना है कि आप असली क्रिएटिविटी को जिताना चाहते हैं या AI के इस जंजाल को।
इस बारे में आपकी क्या राय है? क्या आपने कभी ऐसे AI वीडियो देखे हैं? हमें कमेंट्स में जरूर बताएं!
प्रश्न 1: AI स्लॉप क्या है?
उत्तर: AI स्लॉप वो कंटेंट है जो AI से तेज़ी से, बिना मेहनत और बिना सही जानकारी के बनाया जाता है, सिर्फ व्यूज और कमाई के लिए।
प्रश्न 2: क्या AI स्लॉप यूट्यूब पर कानूनी है?
उत्तर: यूट्यूब की पॉलिसी के अनुसार ऐसा कंटेंट मॉनिटाइज़ नहीं होना चाहिए, लेकिन कुछ क्रिएटर्स सिस्टम को चकमा देकर कमाई कर लेते हैं।
प्रश्न 3: इससे असली क्रिएटर्स को क्या नुकसान है?
उत्तर: एल्गोरिथ्म पर बोझ बढ़ता है, अच्छे वीडियो की रीच कम होती है और दर्शकों के भरोसे पर असर पड़ता है।
प्रश्न 4: दर्शक खुद को कैसे बचाएं?
उत्तर: वीडियो की क्वालिटी, जानकारी के स्रोत और चैनल की विश्वसनीयता पर ध्यान दें; हर व्यू आपका वोट है।

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