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AI से दोस्ती करें, उसे नौकर न समझें: स्टैनफोर्ड प्रोफेसर से सीखें काम और क्रिएटिविटी का नया मंत्र

Table of Contents

क्या आप भी विंस्टन चर्चिल जैसा एक असिस्टेंट चाहते हैं?

एक कहानी है विंस्टन चर्चिल की। वो अक्सर अपने बाथरूम के टब में बैठकर अपने असिस्टेंट को राष्ट्रीय भाषण लिखवाते थे, जो दूसरे कमरे में होती थी। असिस्टेंट लिखती, और चर्चिल टब से ही चिल्लाते, “उन्हें मत कहो! वे नहीं हैं!” सोचिए, एक ऐसा असिस्टेंट जो आपकी सोच, आपकी आवाज़ और आपके इरादे को इतनी गहराई से समझता हो कि आप कहीं से भी काम कर सकें। कुछ समय पहले तक, यह सुविधा सिर्फ दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों के पास ही थी।

लेकिन आज AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की बदौलत यह ताकत हम सबके पास है। एक छोटे शहर के स्टूडेंट से लेकर एक बड़े शहर के दुकानदार तक, हर कोई इस शक्ति का इस्तेमाल कर सकता है। जैसा कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेरेमी अटली कहते हैं, “जो चीज़ पहले सिर्फ विंस्टन चर्चिल के पास थी, वो आज पालो आल्टो के सबसे गरीब इंसान के पास भी हो सकती है।”

जेरेमी अटली स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक एडजंक्ट प्रोफेसर हैं, जो क्रिएटिविटी और AI के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने “Idea Flow” नाम की एक मशहूर किताब भी लिखी है। दिलचस्प बात यह है कि उनकी किताब के लॉन्च होने के ठीक एक महीने बाद ChatGPT आया, और प्रोफेसर अटली ने एक वर्ल्ड टूर पर जाने के बजाय, खुद एक स्टूडेंट बनकर AI को सीखना शुरू कर दिया।

इस आर्टिकल में हम प्रोफेसर अटली के उन्हीं सरल लेकिन शक्तिशाली रहस्यों को जानेंगे, जो हमें बताते हैं कि AI के साथ असल में काम कैसे किया जाता है। हम यह सीखेंगे कि कैसे मामूली सवाल पूछने से आगे बढ़कर AI की मदद से अपनी प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी को आसमान तक पहुँचाया जा सकता है।

1. AI की असली शक्ति तक क्यों नहीं पहुँच पा रहे हैं ज़्यादातर लोग? (“रियलाइजेशन गैप”)

रिसर्च बताती है कि AI लोगों को 25% ज़्यादा तेज़, 12% ज़्यादा काम करने और 40% बेहतर क्वालिटी का काम करने में मदद कर सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि 10% से भी कम प्रोफेशनल लोग इसका असल फायदा उठा पा रहे हैं। प्रोफेसर अटली इसे “रियलाइजेशन गैप” कहते हैं – यानी AI की क्षमता और हमारे द्वारा उसके इस्तेमाल के बीच का एक बहुत बड़ा अंतर।

क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप ChatGPT से कुछ पूछते हैं और जवाब ठीक-ठाक ही मिलता है? आपको लगता है कि इससे बेहतर तो मैं खुद ही कर लेता।

तो समस्या क्या है? प्रोफेसर अटली के अनुसार, समस्या AI में नहीं, बल्कि हमारे उसे देखने के नज़रिए में है। ज़्यादातर लोग AI को एक टूल (औजार) की तरह इस्तेमाल करते हैं, जबकि असली जादू तब होता है जब आप उसे एक टीममेट (साथी) की तरह मानते हैं।

2. AI से काम करवाने का जादुई फॉर्मूला: टूल बनाम टीममेट

जेरेमी अटली की रिसर्च में एक बहुत ही हैरान करने वाली बात सामने आई। जो लोग AI के साथ बेहतरीन नतीजे पा रहे थे, उनकी सोच बाकी लोगों से बिल्कुल अलग थी। वे AI को एक ‘टूल’ नहीं, बल्कि एक ‘टीममेट’ मानते थे।

जब आप AI को एक ‘टूल’ (औजार) समझते हैं

जब आप AI को एक टूल मानते हैं और वह आपको एक औसत दर्जे का जवाब देता है, तो आप क्या करते हैं? या तो आप उस जवाब को खुद ठीक करने लगते हैं या फिर मान लेते हैं कि AI इस काम के लिए बेकार है।

यह वैसा ही है जैसे आप किसी नए कुक को सीधे शाही पनीर बनाने को कह दें और पहली बार में अच्छा न बनने पर उसे काम से ही निकाल दें।

जब आप AI को एक ‘टीममेट’ (साथी) मानते हैं

अब सोचिए, अगर आपका कोई टीममेट आपको ऐसा काम दे जो अच्छा न हो, तो आप क्या करेंगे? आप उसे फीडबैक देंगे, उसे सिखाएंगे, और बेहतर काम करने में उसकी मदद करेंगे। यही ‘टीममेट’ वाली सोच है।

AI के साथ भी यही करना है। जब वह आपको कोई जवाब दे, तो उसे फीडबैक दें। उससे कहें कि इसे और बेहतर बनाए। और सबसे ज़रूरी, एक प्रो-लेवल मूव जो सब कुछ बदल देता है: AI से कहें कि वह आपसे सवाल पूछे ताकि उसे और जानकारी मिल सके। यह एक passive user से active collaborator बनने का सबसे बड़ा कदम है।

एक अच्छे मैनेजर की तरह आप उस कुक को बताते कि ग्रेवी में क्या कमी है, नमक-मसाला कैसा रखना है, और अगली बार बेहतर बनाने के लिए उसे गाइड करते हैं। यही नज़रिया आपको AI के साथ अपनाना है।

3. AI के साथ ‘काम करने’ के 3 प्रैक्टिकल तरीके

सिर्फ थ्योरी से काम नहीं चलेगा। आइए अब उन 3 प्रैक्टिकल तरीकों को जानते हैं जिन्हें आप आज से ही इस्तेमाल कर सकते हैं।

3.1: AI से ही पूछें कि उसे कैसे इस्तेमाल करें

यह AI की सबसे अनोखी बात है। कोई और सॉफ्टवेयर आपको यह नहीं सिखा सकता कि उसे कैसे इस्तेमाल करें, लेकिन AI कर सकता है। आपको बस सही तरीके से पूछने की ज़रूरत है।

प्रोफेसर अटली का यह जादुई प्रॉम्प्ट कॉपी करें और अपने पसंदीदा AI मॉडल (जैसे ChatGPT) में पेस्ट करके देखें:

नमस्ते, आप एक AI एक्सपर्ट हैं। मैं अपने काम में AI का सबसे अच्छा उपयोग कहाँ कर सकता हूँ, यह जानने में आपकी मदद चाहता हूँ। एक AI एक्सपर्ट के तौर पर, कृपया मुझसे एक-एक करके सवाल पूछें जब तक कि आपको मेरे काम, जिम्मेदारियों और लक्ष्यों के बारे में पर्याप्त जानकारी न मिल जाए। इसके बाद, मुझे दो सामान्य और दो ऐसे सुझाव दें जो मैंने सोचे भी न हों, कि मैं AI का लाभ कैसे उठा सकता हूँ।

आप खुद देखेंगे कि यह बातचीत कितनी फायदेमंद साबित होती है।

3.2: एक असली कहानी: 45 मिनट में जिसने बचाए 7000 दिन!

प्रोफेसर अटली सलाह देते हैं कि AI का इस्तेमाल उन कामों के लिए करें जिनसे आपको सख्त नफरत है। एडम राइमर, जो अमेरिका के नेशनल पार्क सर्विस में काम करते हैं, ने इसी सलाह को अपनाया।

वे कोई टेक्निकल एक्सपर्ट नहीं हैं। उनके काम का एक हिस्सा ऐसा था जिसे वह टालते रहते थे – लॉज के कारपेट टाइल्स बदलने के लिए ढेर सारा कागज़ी काम करना। एक टाइल बदलने के लिए 2-3 दिन की कागज़ी कार्रवाई करनी पड़ती थी। प्रोफेसर अटली की सलाह पर एडम ने सोचा, “क्या AI मेरे इस सबसे बोरिंग काम में मदद कर सकता है?” सिर्फ 45 मिनट के अंदर, उन्होंने AI की मदद से एक ऐसा टूल बना लिया जो उनका 2 दिन का काम मिनटों में कर देता था।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। उनका बनाया हुआ यह टूल दूसरे पार्कों में भी शेयर किया गया। अनुमान है कि एडम के 45 मिनट में बनाए गए उस टूल की वजह से नेशनल पार्क सर्विस के एक साल में 7000 दिन का इंसानी श्रम बचेगा! यह दिखाता है कि एक आम इंसान भी सही सोच के साथ कितना बड़ा बदलाव ला सकता है।

3.3: मुश्किल बातचीत को बनाएं आसान

क्या आपको अपने बॉस, सहकर्मी या परिवार में किसी से कोई मुश्किल बातचीत करनी है? AI इसमें भी आपका कोच बन सकता है।

आप AI से कह सकते हैं कि वह उस बातचीत का रोलप्ले करे। आप उसे बता सकते हैं कि सामने वाला व्यक्ति कैसा है, उसका स्वभाव क्या है। AI उस व्यक्ति का एक साइकोलॉजिकल प्रोफाइल तैयार करेगा और फिर उस व्यक्ति की तरह आपसे बातचीत करेगा। इसके बाद वह आपको फीडबैक भी देगा कि आपने बातचीत को कैसे संभाला। यह किसी भी मुश्किल हालात के लिए तैयार होने का एक बेहद शक्तिशाली तरीका है।

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4. AI आपकी क्रिएटिविटी का दुश्मन नहीं, सबसे बड़ा दोस्त है

बहुत से क्रिएटिव लोगों को डर है कि AI उनकी नौकरी छीन लेगा। लेकिन प्रोफेसर अटली का मानना है कि क्रिएटर्स के लिए ऐसा मौका पहले कभी नहीं आया। AI की मदद से उनकी रचनात्मकता एक नए स्तर पर पहुँचने वाली है।

4.1: ‘कामचलाऊ’ आइडिया के जाल से कैसे बचें

एक सातवीं क्लास की स्टूडेंट ने क्रिएटिविटी की सबसे अच्छी परिभाषा दी: “क्रिएटिविटी का मतलब है, आपके मन में जो पहला विचार आए, उससे कुछ ज़्यादा करना।”

हम इंसानों की आदत होती है कि हम “ठीक-ठाक” या “कामचलाऊ” समाधान पर रुक जाते हैं। AI की मदद से “कामचलाऊ” जवाब पाना बहुत आसान हो गया है, और यही सबसे बड़ा जाल है। असली क्रिएटिविटी तब शुरू होती है जब आप AI का इस्तेमाल ढेरों आइडिया और विकल्प पैदा करने के लिए करते हैं और फिर पहले या सबसे आसान जवाब से आगे बढ़ते हैं।

4.2: आपका अनुभव ही आपकी असली ताकत है

आज हर किसी के पास एक जैसा ChatGPT है। तो फिर आपके और दूसरों के नतीजों में फ़र्क कैसे आएगा? असली फ़र्क इस बात से पैदा होता है कि आप AI के पास क्या लेकर जाते हैं। जैसा कि प्रोफेसर अटली कहते हैं, AI सबके लिए एक जैसा है, लेकिन उससे मिलने वाला आउटपुट अलग इसलिए होता है क्योंकि हम सब इंसान अलग हैं।

मशहूर हिप-हॉप आर्टिस्ट लेक्रे कहते हैं, “प्रेरणा एक अनुशासन है।” जैसे एक गायक रोज़ “रियाज़” करता है, वैसे ही एक क्रिएटिव इंसान को प्रेरणा इकट्ठा करने का अनुशासन बनाना पड़ता है।

AI के साथ आपकी बातचीत को जो चीज़ अनोखा और शक्तिशाली बनाती है, वो हैं आपके अपने अनुभव, आपका नज़रिया और दुनिया से इकट्ठा की गई आपकी प्रेरणा। चूँकि टूल (AI) सबके लिए समान है, इसलिए आपकी यूनिकनेस ही आपका सबसे बड़ा एडवांटेज है।

5. एक नज़र में: ‘टूल’ और ‘टीममेट’ सोच का फ़र्क

आइए इस पूरी बात को एक आसान टेबल में समझते हैं:

‘टूल’ वाली सोच (आम तरीका)‘टीममेट’ वाली सोच (एक्सपर्ट तरीका)
आप सवाल पूछते हैं, AI जवाब देता है।आप AI को कोच करते हैं, फीडबैक देते हैं।
खराब जवाब मिलने पर AI को बेकार समझते हैं।खराब जवाब को सुधारने के लिए AI को और जानकारी देते हैं।
आप AI का ‘इस्तेमाल’ करते हैं।आप AI के ‘साथ काम’ करते हैं।
लक्ष्य जल्दी से ‘कामचलाऊ’ जवाब पाना है।लक्ष्य मिलकर एक ‘बेहतरीन’ समाधान तक पहुँचना है।
आप AI से पूछते हैं, “मुझे क्या करना चाहिए?”आप AI से पूछते हैं, “इस समस्या के बारे में मुझे कौन से 10 सवाल पूछने चाहिए?”

निष्कर्ष: AI का इस्तेमाल न करें, उसके साथ काम करें

इस पूरी चर्चा का सार प्रोफेसर अटली के एक वाक्य में छिपा है:

“जब कोई पूछता है कि आप AI का इस्तेमाल कैसे करते हैं? तो इसका एकमात्र सही जवाब है: मैं AI का ‘इस्तेमाल’ नहीं करता। मैं उसके साथ ‘मिलकर काम’ करता हूँ।”

जिस दिन आप AI को एक नौकर या औजार समझना बंद करके एक साथी या टीममेट की तरह उसके साथ ‘काम करना’ शुरू कर देंगे, उसी दिन से आपके लिए सब कुछ बदल जाएगा।

तो अगली बार जब आप ChatGPT खोलें, तो सिर्फ एक यूजर बनकर न रह जाएं। एक सहयोगी बनें। हमें कमेंट्स में बताएं कि AI के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा है!

📌 Stanford d.school – How Stanford Teaches AI-Powered Creativity in Just 13 Minutes (YouTube)
➡️ https://www.youtube.com/watch?v=Z1lVgbgURgs

Q1: AI के साथ काम करने का सही नजरिया क्या है?
A: AI को केवल टूल नहीं, बल्कि ‘टीममेट’ (साथी) मानकर काम करें। इससे आप AI के जवाबों पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं, सुधार कर सकते हैं और बेहतर परिणाम पा सकते हैं। hellosimone.notion.site

Q2: AI से बेहतर परिणाम पाने के लिए क्या करना चाहिए?
A: AI को निर्देश देने के बजाय उससे सवाल पूछने और फीडबैक देने की आदत डालें। इससे AI आपकी सोच को समझकर और बेहतर जवाब देगा। hellosimone.notion.site

Q3: क्या AI मेरे रचनात्मक (creative) काम को बदल सकता है?
A: हाँ – AI आपकी क्रिएटिविटी को बढ़ा सकता है, बोरिंग काम को आसान बना सकता है, और आपको नए आइडियाज पर सोचने में मदद कर सकता है। hellosimone.notion.site

Q4: AI तब सबसे ज़्यादा उपयोगी कैसे होता है?
A: जब आप AI के पास अपनी अनुभव, संदर्भ और लक्ष्य ले जाते हैं, और AI के सुझावों से आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। hellosimone.notion.site

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