जब इंटरनेट पर रेसिपी खोजना एक जुआ बन जाए
त्योहार का मौसम आते ही हमारे घरों में एक अलग ही माहौल बन जाता है। किचन से आती मसालों की खुशबू, पकवानों की तैयारी और साथ मिलकर खाना बनाने की वो रौनक! और जब भी कुछ नया या ख़ास बनाने का मन करता है, तो हम सब सबसे पहले इंटरनेट का दरवाज़ा खटखटाते हैं। “शाही पनीर कैसे बनाएं?” या “सबसे अच्छी बिरयानी की रेसिपी”। लेकिन क्या आपने हाल ही में गौर किया है कि अब एक अच्छी रेसिपी ढूंढना किसी जुए से कम नहीं रह गया है? कभी-कभी ऐसी अजीबोगरीब रेसिपीज़ मिलती हैं जिन्हें पढ़कर ही सिर चकरा जाए।
इसकी वजह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI। जी हाँ, जिस टेक्नोलॉजी को हम भविष्य मान रहे हैं, वही हमारे त्योहारों का स्वाद बिगाड़ने पर तुली है। क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि कोई ऑनलाइन रेसिपी बिलकुल बेतुकी लगी हो? चलिए, आज जानते हैं कि आखिर यह हो क्या रहा है और आप अपनी फेस्टिव दावत को इस टेक्नोलॉजी के कहर से कैसे बचा सकते हैं।
2. यह AI का बनाया ‘स्लॉप’ आखिर है क्या?
इंटरनेट पर AI द्वारा बनाई गई इन गड़बड़ रेसिपीज़ को एक नाम दिया गया है – ‘स्लॉप’ (Slop)। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे किसी ने अलग-अलग कपड़ों के टुकड़े काटकर, बिना किसी नाप-जोख के, एक अजीब सी ड्रेस सिल दी हो। बिलकुल वैसे ही, AI एक रेसिपी से सामग्री की लिस्ट उठाता है, दूसरी से बनाने के स्टेप्स कॉपी करता है, किसी तीसरी वेबसाइट से पकाने का समय ले लेता है, और तो और, Reddit से कुछ कमेंट्स और Pinterest से ‘माहौल’ (vibes) भी चुरा लेता है! इन सबको मिलाकर वह एक ऐसी खिचड़ी बनाता है जिसे आज तक किसी इंसान ने पकाया ही नहीं है।
AI यह सब बिना यह समझे करता है कि खाना असल में पकता कैसे है। उसे स्वाद, टेक्सचर या केमिस्ट्री की कोई समझ नहीं है। नतीजा एक ऐसा व्यंजन होता है जिसे कभी किसी इंसान ने पकाया ही नहीं है। सोचिए, एक टर्की की रेसिपी जिसमें 70% चीनी हो या ऐसा केक जिसे पकाने में कई दिन लग जाएं! यही है AI का बनाया हुआ ‘स्लॉप’।
3. AI खाना पकाने में इतना बुरा क्यों है?
इसका सीधा सा जवाब है: AI खाने को समझता नहीं है। वो सिर्फ टेक्स्ट में पैटर्न पहचानता है, जैसे कि ‘नमक’ शब्द अक्सर ‘पानी’ के बाद आता है। उसे यह नहीं पता कि मीट को भूनने से पहले तेज़ आंच पर क्यों सेका जाता है या आटे को गूंथते समय सही नमी का क्या मतलब है।
इसके बिलकुल उलट, इंसानों का खाना बनाना अनुभव, अंदाज़ और हमारी इंद्रियों पर आधारित होता है। एक माँ सिर्फ आटे को छूकर बता सकती है कि वो रोटी के लिए सही है या नहीं। यह वो इंसानी एहसास है जिसे कोई भी AI कॉपी नहीं कर सकता। खाना बनाना सिर्फ निर्देशों का पालन करना नहीं, बल्कि एक कला है जिसमें प्यार और अनुभव घुला होता है।
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4. इंटरनेट पर कैसे छा गईं AI रेसिपीज़?
यह समस्या तब और बढ़ गई जब गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने अपने सर्च रिज़ल्ट में “AI समरी” दिखाना शुरू कर दिया। अब जब आप कोई रेसिपी खोजते हैं, तो किसी असली ब्लॉगर की वेबसाइट पर क्लिक करने के बजाय, गूगल आपको सीधे एक AI-जनरेटेड सारांश दिखा देता है। यह सुविधाजनक तो लगता है, लेकिन क्या यह भरोसेमंद है?
इस विषय पर Firstpost की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह ट्रेंड इसी साल शुरू हुआ जब गूगल ने अपने सर्च में AI समरी को रोल आउट किया। इससे असली मेहनत करने वाले फूड ब्लॉगर्स को भारी नुकसान हुआ है।
5. AI रेसिपी के छिपे हुए खतरे और नुकसान
AI रेसिपी सिर्फ बेस्वाद खाना ही नहीं बनातीं, बल्कि इसके कुछ गंभीर नुकसान भी हैं।
5.1. आपकी सेहत के लिए खतरा
यह सबसे बड़ा खतरा है। AI अक्सर चिकन या मीट पकाने के लिए गलत तापमान बता सकता है। अगर खाना, ख़ासकर पोल्ट्री, सही तापमान पर न पके तो इससे फ़ूड पॉइज़निंग जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। त्योहारों के मौसम में जब पूरा परिवार साथ होता है, ऐसी गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती। AI की एक छोटी सी गलती आपके जश्न को एक बड़ी मुसीबत में बदल सकती है।
5.2. असली शेफ और ब्लॉगर्स का संघर्ष
सोचिए उन लोगों के बारे में जो सालों लगाकर एक परफेक्ट रेसिपी बनाते हैं, उसे बार-बार ट्राई करते हैं और फिर आपके साथ शेयर करते हैं। AI की वजह से इन असली फूड क्रिएटर्स की मेहनत पर पानी फिर रहा है। वे बस लाचारी में देख रहे हैं (they have watched in horror) कि कैसे उनकी बनाई हुई पहचान और भरोसा चोरी हो रहा है। एक ब्लॉगर ने बताया कि पिछले दो सालों में उनकी वेबसाइट का ट्रैफिक 80% तक गिर गया है। सोचिए, सालों की मेहनत पर AI कुछ ही महीनों में पानी फेर रहा है। AI-जनरेटेड वेबसाइट्स इन ब्लॉगर्स की तस्वीरें, ब्रांड का नाम और लोगों का भरोसा तो कॉपी कर रही हैं, लेकिन उनकी रेसिपी की सटीकता नहीं।

6. लोगों का AI पर से उठता भरोसा: असलियत की ओर वापसी
अच्छी खबर यह है कि लोग अब AI के इस झांसे को समझने लगे हैं। हाल ही में 3,000 लोगों पर हुए एक सर्वे में लगभग आधे लोगों ने माना कि AI द्वारा बनाया गया कंटेंट, इंसानों द्वारा बनाए गए कंटेंट से कम भरोसेमंद होता है।
इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि इस साल बेकिंग की असली किताबों (Baking Cookbooks) की बिक्री में 80% की बढ़ोतरी हुई है। लोग अब टेक्नोलॉजी के धोखे से बचकर वापस भरोसेमंद और असली स्रोतों की ओर लौट रहे हैं।
| खासियत (Feature) | AI-जेनरेटेड रेसिपी | इंसानों द्वारा बनाई रेसिपी |
| प्रक्रिया (Process) | टेक्स्ट पैटर्न को कॉपी करना | अनुभव, परीक्षण और अंदाज़ |
| समझ (Understanding) | केमिस्ट्री, स्वाद की कोई समझ नहीं | स्वाद, टेक्सचर और विज्ञान की गहरी समझ |
| नतीजा (Result) | अक्सर ‘स्लॉप’ या बेस्वाद खाना | भरोसेमंद और स्वादिष्ट व्यंजन |
| सुरक्षा (Safety) | गलत तापमान से बीमारी का खतरा | सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान |
| भरोसा (Trust) | बहुत कम और घटता हुआ | पीढ़ियों का भरोसा और विश्वसनीयता |
7. निष्कर्ष: खाना बनाना सिर्फ़ एक काम नहीं, एक एहसास है
अंत में, हमें यह याद रखना होगा कि खाना बनाना सिर्फ कुछ स्टेप्स को फॉलो करने का नाम नहीं है। यह एक कला है, एक याद है, और एक एहसास है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ता है। AI रेसिपी तो कॉपी कर सकता है, लेकिन उस एहसास को नहीं, उस पल (moment) को नहीं जब आप अपने अनुभव से खाने में थोड़ा और प्यार मिलाते हैं। यह वो अंदाज़ है जो एक माँ को सिखाता है कि आटे में थोड़ा और पानी लगेगा, जिसे कोई AI कभी नहीं समझ सकता।
(विश्वसनीय भोजन/कुकिंग ज्ञान के लिए) :- https://www.seriouseats.com
तो इस त्योहार के मौसम में, किसी अनजान AI रेसिपी पर भरोसा करने के बजाय अपनी दादी-नानी की डायरी खोलिए, परिवार की पुरानी रेसिपीज़ को याद कीजिए, या उन फूड ब्लॉगर्स पर भरोसा कीजिए जिन पर आप सालों से विश्वास करते आए हैं। क्योंकि खाने का असली स्वाद इंसानी हाथों के स्पर्श और प्यार से ही आता है, किसी एल्गोरिदम से नहीं।
प्रश्न 1: AI स्लॉप रेसिपी क्या होती है?
उत्तर: ऐसी रेसिपी जो AI अलग-अलग जगहों से डाटा जोड़कर बनाता है, पर उन्हें कभी किसी इंसान ने ट्राई नहीं किया होता — नतीजा अक्सर गड़बड़ या गलत रेसिपी।
प्रश्न 2: क्या AI रेसिपी से सेहत को खतरा हो सकता है?
उत्तर: हाँ, खासकर नॉन-वेज में गलत तापमान या पकाने के समय की वजह से फ़ूड पॉइज़निंग का खतरा हो सकता है।
प्रश्न 3: भरोसेमंद रेसिपी कहाँ से लें?
उत्तर: असली शेफ, फूड ब्लॉगर्स, परिवार की रेसिपी या टेस्टेड कुकबुक्स से।
प्रश्न 4: क्या AI रेसिपी पूरी तरह से बेकार हैं?
उत्तर: नहीं, पर इन्हें सिर्फ़ आइडिया या रेफ़रेंस की तरह इस्तेमाल करना बेहतर है — पूरी तरह भरोसा न करें।

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