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AI का असली इस्तेमाल: लोग सच में क्या कर रहे हैं? एक चौंकाने वाली रिपोर्ट!

AI की दुनिया का सबसे बड़ा राज़

कभी आपने सोचा है कि लाखों-करोड़ों लोग जो रोज़ AI इस्तेमाल कर रहे हैं, वे असल में इससे कर क्या रहे हैं? हम AI की बड़ी-बड़ी बातें तो बहुत सुनते हैं, लेकिन पर्दे के पीछे की सच्चाई क्या है?

हाल ही में, Open Router और A16Z नाम की कंपनियों ने एक बहुत बड़ी रिपोर्ट जारी की है, जिसने AI की दुनिया के इस राज़ से पर्दा उठा दिया है। उन्होंने 100 ट्रिलियन से ज़्यादा ‘टोकन्स’ (इसे आप AI के काम करने की इकाई समझ सकते हैं) का विश्लेषण किया है, यह जानने के लिए कि दुनिया भर में लोग AI का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं।

तो चलिए, हम आपको बताते हैं कि AI के दो सबसे बड़े और चौंकाने वाले इस्तेमाल क्या हैं, जो इस रिपोर्ट में सामने आए हैं।

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1. यह स्टडी क्या है और हमें इस पर भरोसा क्यों करना चाहिए?

यह जानकारी Open Router और A16Z की एक साझा रिपोर्ट से आई है।

  • Open Router को आप एक ऐसी “मास्टर-की” समझ सकते हैं, जो डेवलपर्स को सैकड़ों अलग-अलग AI मॉडल्स का दरवाज़ा खोलने में मदद करती है। क्योंकि Open Router के ज़रिए डेवलपर्स सैकड़ों मॉडल्स का इस्तेमाल करते हैं, इसका डेटा हमें किसी एक कंपनी (जैसे सिर्फ OpenAI या Google) के बजाय पूरे AI इकोसिस्टम की एक unbiased तस्वीर देता है।
  • A16Z टेक्नोलॉजी की दुनिया में निवेश करने वाली एक बहुत बड़ी और जानी-मानी कंपनी है।

इन दोनों ने मिलकर 100 ट्रिलियन टोकन्स के विशाल डेटा का विश्लेषण किया है, जिससे हमें AI के असली इस्तेमाल की एक झलक मिलती है।

(एक छोटी सी बात: यह स्टडी मुख्य रूप से डेवलपर्स और पावर-यूज़र्स के डेटा पर आधारित है। इसलिए, हो सकता है कि ChatGPT इस्तेमाल करने वाले एक आम यूज़र का पैटर्न इससे थोड़ा अलग हो।)

Read This Post Also : AI की दुनिया में भूचाल: Elon Musk बनाम Google – इस हफ्ते की बड़ी AI खबरें

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2. AI के दो सबसे बड़े काम: कोडिंग और कहानियाँ!

रिपोर्ट का सबसे बड़ा खुलासा यह है कि AI भले ही हज़ारों काम कर सकता हो, लेकिन दो काम ऐसे हैं जो बाकियों पर पूरी तरह हावी हैं।

2.1. काम की बात: AI बना डेवलपर्स का जिगरी दोस्त

AI का नंबर एक इस्तेमाल प्रोग्रामिंग और कोडिंग बन गया है। यह इस साल का सबसे महत्वपूर्ण AI ट्रेंड है।

आंकड़े बताते हैं कि इस साल की शुरुआत में AI से होने वाले कामों में कोडिंग की हिस्सेदारी सिर्फ 11% थी, जो अब बढ़कर 50% से ज़्यादा हो गई है। यह दिखाता है कि AI अब सिर्फ एक खिलौना नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की दुनिया में एक ज़रूरी औज़ार बन चुका है। अब लोग AI से “मेरे लिए एक निबंध लिखो” कम, और “यह रहे मेरी कंपनी के कोड, इसमें से गलती ढूंढकर निकालो” ज़्यादा पूछ रहे हैं।

इसका एक और सबूत यह है कि लोग अब AI को 4 गुना लंबे प्रॉम्प्ट (निर्देश) दे रहे हैं—पहले जहाँ औसत प्रॉMPT 1,500 टोकन्स का होता था, वहीं अब यह 6,000 टोकन्स का हो गया है। यह दिखाता है कि लोग AI का इस्तेमाल जटिल कोडिंग समस्याओं को सुलझाने के लिए कर रहे हैं।

2.2. मनोरंजन की दुनिया: AI के साथ गपशप और काल्पनिक कहानियाँ

AI का दूसरा सबसे बड़ा इस्तेमाल है रोलप्ले और काल्पनिक कहानियाँ

इसका मतलब है AI से किसी फिल्मी किरदार की तरह बात करना या AI के साथ मिलकर अपनी मनगढ़ंत कहानी बनाना। आपको जानकर हैरानी होगी कि ओपन-सोर्स AI मॉडल्स पर होने वाले 50% से ज़्यादा काम यही हैं।

जैसा कि टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट शान चाहन ने मज़ाक में कहा, “VCs (निवेशक) प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाले कामों में पैसा लगा रहे हैं, जबकि इंसान AI का इस्तेमाल काल्पनिक कहानियाँ लिखने और कोड ठीक करने के लिए कर रहा है।” यह इंसान के स्वभाव पर एक मज़ेदार लेकिन सच्ची टिप्पणी है।

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3. खुला AI vs. बंद AI: कौन किस काम आता है?

AI मॉडल्स मोटे तौर पर दो तरह के होते हैं:

  • बंद मॉडल्स (Closed Models): जैसे GPT-5 या Claude। ये किसी बड़ी कंपनी के ब्रांडेड प्रोडक्ट की तरह हैं, जैसे एक सैमसंग का फोन।
  • खुले मॉडल्स (Open Models): जैसे DeepSeek। ये एक सामुदायिक रेसिपी की तरह हैं, जिसे कोई भी इस्तेमाल कर सकता है और बेहतर बना सकता है।

स्टडी का एक मुख्य निष्कर्ष यह है कि बंद मॉडल्स “कीमती” (high-value) कामों के लिए इस्तेमाल होते हैं, और खुले मॉडल्स “ज़्यादा मात्रा वाले” (high-volume) कामों के लिए।

इसे ऐसे समझिए: अगर आपको एक बहुत ज़रूरी बिज़नेस प्रेजेंटेशन बनानी है, तो आप शायद एक महंगा, ब्रांडेड AI इस्तेमाल करेंगे। लेकिन अगर आपको रोज़ 100 छोटे-मोटे काम करवाने हैं, तो आप एक खुला और सस्ता AI चुनेंगे। सबसे दिलचस्प बात यह है कि कंपनियां किसी एक को नहीं चुन रही हैं, बल्कि दोनों का इस्तेमाल कर रही हैं—महत्वपूर्ण कामों के लिए बंद मॉडल और रोज़मर्रा के ज़्यादा कामों के लिए खुले मॉडल।

इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि चीन के ओपन-सोर्स मॉडल्स का इस्तेमाल 1% से बढ़कर 30% तक पहुँच गया है, जो दिखाता है कि वे अब इस रेस में बड़े खिलाड़ी बन चुके हैं।

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4. हर काम के लिए एक अलग AI

AI की दुनिया में “एक साइज़ सब पर फिट नहीं होता”। यह स्टडी बताती है कि कोई एक मॉडल ‘सबसे अच्छा’ नहीं है। इस बात का सबसे बड़ा सबूत यह है कि सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले टॉप 10 AI मॉडल्स 8 अलग-अलग कंपनियों या लैब्स से आते हैं। यह दिखाता है कि बाज़ार में किसी एक का दबदबा नहीं है।

लोगों ने अलग-अलग कामों के लिए अपने पसंदीदा मॉडल चुन लिए हैं। इसे नीचे दी गई टेबल से समझिए:

AI मॉडल का नाममुख्य उपयोग (Main Use)
Claude80% से ज़्यादा प्रोग्रामिंग और गंभीर काम
DeepSeekदो-तिहाई (~67%) रोलप्ले और मनोरंजन

रिपोर्ट में इसे “सिंड्रेला का कांच का जूता” प्रभाव कहा गया है। इसका मतलब है कि जब किसी यूज़र को कोई ऐसा AI मॉडल मिल जाता है जो उसके काम के लिए एकदम परफेक्ट होता है, तो वह उसी पर टिक जाता है, भले ही बाज़ार में नए मॉडल क्यों न आ जाएं। यह कुछ वैसा ही है जैसे हमें अपनी पसंदीदा दुकान या रेस्टोरेंट मिल जाता है।

आंकड़े बताते हैं कि 6 महीने बाद भी, 40-50% शुरुआती यूज़र्स अपने चुने हुए मॉडल का ही इस्तेमाल करते रहते हैं।

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5. क्या कीमत से फर्क पड़ता है?

रिपोर्ट की एक और दिलचस्प बात यह है कि यूज़र्स बेहतर क्वालिटी के लिए ज़्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं।

सरल शब्दों में, अगर कोई बेहतर AI मॉडल किसी डेवलपर का 10 मिनट का कोडिंग का समय बचाता है, तो वह उसके लिए 10 से 50 गुना ज़्यादा पैसे देने को तैयार है।

यह वैसा ही है जैसे आप एक लोकल ट्रेन की भीड़ से बचने के लिए AC कैब बुक कर लेते हैं। यहाँ आराम और समय की कीमत पैसे से ज़्यादा होती है। इससे यह साफ़ है कि AI की दुनिया में सफल होने के लिए सिर्फ सस्ता होना काफी नहीं है; क्वालिटी ही असली किंग है।

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6. निष्कर्ष: तो हमने क्या सीखा?

इस पूरी रिपोर्ट से हमें AI के असली इस्तेमाल के बारे में कुछ ज़रूरी बातें पता चली हैं:

  1. कोडिंग ही किंग है: 2025 में AI का सबसे बड़ा और ज़रूरी इस्तेमाल कोडिंग और प्रोग्रामिंग बन गया है।
  2. मनोरंजन भी पीछे नहीं: लोग मनोरंजन, काल्पनिक कहानियाँ और रोलप्ले के लिए भी AI का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं, खासकर ओपन-सोर्स मॉडल्स का।
  3. हर AI ख़ास है: कोई एक AI ‘बेस्ट’ नहीं है। अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग AI मॉडल्स सबसे अच्छे होते हैं।
  4. क्वालिटी पैसे से बढ़कर है: जब काम बचाने की बात आती है, तो यूज़र्स बेहतर क्वालिटी के लिए ज़्यादा पैसे देने से नहीं हिचकिचाते।

ये ग्लोबल ट्रेंड्स हमें दिखाते हैं कि भारत में AI का भविष्य क्या हो सकता है और कैसे भारत के युवा इन ताक़तवर टूल्स का इस्तेमाल अपने काम और मनोरंजन के लिए कर सकते हैं।

अगर आप यह पूरी रिपोर्ट खुद पढ़ना चाहते हैं, तो आप इसे Open Router की वेबसाइट पर देख सकते हैं।

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